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Showing posts from February, 2025

KST (Know Sure Thing) एक मॉमेंटम इंडिकेटर है।

KST (Know Sure Thing) एक मॉमेंटम इंडिकेटर है, जिसे Martin J. Pring ने विकसित किया था। यह रेट ऑफ चेंज (ROC) का उपयोग करके विभिन्न समय-सीमा के डेटा को मिलाकर एक स्मूथ सिग्नल देता है, जिससे ट्रेंड की ताकत और संभावित रिवर्सल की पहचान की जा सकती है। KST इंडिकेटर के मुख्य घटक: 1. चार अलग-अलग समय-सीमा के ROC (Rate of Change) 2. इन ROC का स्मूथ मूविंग एवरेज (SMA) 3. इन सभी को जोड़कर एक मुख्य लाइन बनाई जाती है 4. एक सिग्नल लाइन (SMA) जो मुख्य लाइन के ऊपर या नीचे जाने पर ट्रेडिंग संकेत देती है KST इंडिकेटर को कैसे पढ़ें? जब KST लाइन सिग्नल लाइन को क्रॉस कर ऊपर जाए, तो यह बुलिश सिग्नल होता है (खरीदारी का संकेत)। जब KST लाइन सिग्नल लाइन को क्रॉस कर नीचे जाए, तो यह बेयरिश सिग्नल होता है (बिक्री का संकेत)। KST का जीरो लाइन के ऊपर होना अपट्रेंड दर्शाता है, और नीचे होना डाउनट्रेंड दर्शाता है। KST इंडिकेटर का उपयोग कहाँ करें? स्विंग ट्रेडिंग में संभावित ट्रेंड बदलने के संकेत के लिए। डायवर्जेंस का पता लगाने के लिए (यदि KST और प्राइस मूवमेंट अलग हो)। लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म एनालिसिस दोनों के लिए। निष्कर...

MACD क्या और कैसे काम करता है।

यह MACD चार्ट दिखाता है कि स्टॉक प्राइस के साथ MACD कैसे काम करता है। अब हम इसकी वैल्यू को समझते हैं। --- MACD वैल्यू को कैसे पढ़ें? 1. MACD Line (ब्लू लाइन) यह 12-day EMA और 26-day EMA के बीच का अंतर है। जब यह 0 से ऊपर होती है, तो यह बुलिश ट्रेंड दिखाता है। जब यह 0 से नीचे होती है, तो यह बियरिश ट्रेंड दिखाता है। जितनी अधिक दूरी होगी, उतनी ही ज्यादा तेजी या मंदी होगी। 2. Signal Line (रेड डैश लाइन) यह MACD लाइन का 9-day EMA होता है। यदि MACD लाइन सिग्नल लाइन के ऊपर जाती है, तो यह बाय सिग्नल होता है। यदि MACD लाइन सिग्नल लाइन के नीचे जाती है, तो यह सेल सिग्नल होता है। 3. Histogram (ग्रीन और रेड बार्स) यह MACD लाइन और सिग्नल लाइन का अंतर दर्शाता है। जब ग्रीन बार्स बनते हैं, तो बाजार में तेजी होती है। जब रेड बार्स बनते हैं, तो बाजार में मंदी होती है। अगर बार्स की ऊँचाई बढ़ रही है, तो ट्रेंड मजबूत है। अगर बार्स छोटी हो रही हैं, तो ट्रेंड कमजोर हो रहा है। --- कैसे पता करें कि MACD कब बाय या सेल सिग्नल दे रहा है? ✅ बाय सिग्नल (खरीदारी का संकेत) MACD Line सिग्नल लाइन के नीचे से ऊपर क्रॉस करे H...

इंट्रा डे ट्रेडिंग में चार्ट पढ़ना एक महत्वपूर्ण कौशल है।

इंट्रा डे ट्रेडिंग में चार्ट पढ़ना एक महत्वपूर्ण कौशल है, क्योंकि इससे आपको बाजार की चाल, प्रवृत्ति, संभावित एंट्री/एग्जिट पॉइंट्स और रिस्क मैनेजमेंट के बारे में स्पष्ट संकेत मिलते हैं। यहां कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं जिनकी मदद से आप चार्ट को बेहतर तरीके से पढ़कर अपनी ट्रेडिंग रणनीति बना सकते हैं: 1. चार्ट प्रकार का चयन: कैंडलस्टिक चार्ट: इंट्रा डे ट्रेडिंग में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला चार्ट है। यह आपको ओपन, हाई, लो और क्लोज कीमत के साथ-साथ बाजार के मूड (बुलिश या बेयरिश) का संकेत देता है। बार चार्ट और लाइन चार्ट: हालांकि कैंडलस्टिक चार्ट ज्यादा जानकारी देते हैं, लेकिन कभी-कभी सरल लाइन चार्ट भी प्रवृत्ति देखने के लिए उपयोगी होते हैं। 2. समय सीमा (टाइम फ्रेम) का चयन: इंट्रा डे ट्रेडिंग में छोटे टाइम फ्रेम जैसे 1 मिनट, 5 मिनट, 15 मिनट या 30 मिनट के चार्ट पर काम करना आम है। उच्च टाइम फ्रेम (जैसे 1 घंटे या 4 घंटे) का उपयोग करके आप दिन के समग्र ट्रेंड को समझ सकते हैं और फिर छोटे टाइम फ्रेम पर सटीक एंट्री/एग्जिट पॉइंट्स ढूंढ सकते हैं। 3. प्राइस एक्शन और पैटर्न पहचान: कैंडलस्टिक पैटर्न: एं...

कैंडलस्टिक चार्ट का विश्लेषण: विभिन्न पैटर्न और उनके अर्थ ।

--- शेयर बाजार और फॉरेक्स ट्रेडिंग में कैंडलस्टिक चार्ट्स एक शक्तिशाली टूल हैं। ये चार्ट्स न केवल मूल्य के उतार-चढ़ाव को दिखाते हैं, बल्कि ट्रेडर्स को बाजार की भावना (sentiment) और संभावित रिवर्सल (reversal) या ट्रेंड की पुष्टि करने में भी मदद करते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ प्रमुख कैंडलस्टिक पैटर्न और उनके अर्थ पर चर्चा करेंगे। --- 1. कैंडलस्टिक के बेसिक्स प्रत्येक कैंडलस्टिक चार्ट एक “कैंडल” दिखाता है जिसमें चार मुख्य मूल्य होते हैं: ओपन (Open): ट्रेडिंग सत्र की शुरुआत का मूल्य हाई (High): सत्र के दौरान उच्चतम मूल्य लो (Low): सत्र के दौरान न्यूनतम मूल्य क्लोज (Close): सत्र का अंतिम मूल्य कैंडल का बॉडी (मध्य भाग) यह दिखाता है कि ओपन और क्लोज के बीच कितना बदलाव हुआ, और शैडो (या विक्स) ऊपरी और निचले मूल्य की सीमाओं को दर्शाता है। --- 2. प्रमुख कैंडलस्टिक पैटर्न a. Doji अर्थ: Doji कैंडल तब बनती है जब ओपन और क्लोज के मूल्य लगभग समान हों। यह एक संकेत है कि खरीदारों और विक्रेताओं के बीच संतुलन है – यानी बाजार में अनिश्चितता या indecision है। ट्रेडिंग संकेत: रिवर्सल की संभावना ट्रेंड के बदलने ...