मंथली ऑप्शन को कैरी करना और वीकली ऑप्शन में डिके का अंतर ।

मंथली ऑप्शन को कैरी करना और वीकली ऑप्शन में डिके का अंतर ऑप्शन ट्रेडिंग में दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। यह अंतर मुख्य रूप से ऑप्शन प्रीमियम, टाइम डिके (थीटा), और ट्रेडिंग रणनीतियों पर आधारित है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:


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1. मंथली ऑप्शन को कैरी करना क्यों आसान है?

1. टाइम डिके का धीमा प्रभाव:

मंथली ऑप्शन में टाइम डिके (थीटा) धीरे-धीरे होता है।

इसकी एक्सपायरी तक का समय लंबा होता है, इसलिए ऑप्शन प्रीमियम ज्यादा समय तक स्थिर रहता है।



2. जोखिम प्रबंधन आसान:

मंथली ऑप्शन में वोलैटिलिटी और प्रीमियम मूवमेंट पर नियंत्रण बेहतर रहता है।

यह लंबी अवधि की रणनीतियों, जैसे हेजिंग और पोर्टफोलियो प्रोटेक्शन के लिए उपयुक्त है।



3. कम फ्रीक्वेंसी:

वीकली ऑप्शन के मुकाबले, ट्रेडर को बार-बार नई पोजीशन खोलने की जरूरत नहीं पड़ती।



4. इंवेस्टर्स और बड़े प्लेयर्स की प्राथमिकता:

बड़े निवेशक, फंड मैनेजर्स, और संस्थागत निवेशक मंथली ऑप्शन को अधिक प्राथमिकता देते हैं, जिससे इसकी लिक्विडिटी बेहतर होती है।





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2. वीकली ऑप्शन में डिके अधिक क्यों होता है?

1. टाइम डिके का तीव्र प्रभाव:

वीकली ऑप्शन की एक्सपायरी केवल 5 दिन में होती है, इसलिए आखिरी 2-3 दिनों में टाइम डिके बहुत तेज हो जाता है।

यह ऑप्शन के प्रीमियम को तेजी से घटाता है।



2. हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड:

वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है, जो छोटे समय के लिए बड़े मुनाफे की संभावना पैदा करता है।

लेकिन, अगर मूवमेंट उम्मीद के खिलाफ हो जाए, तो पूरा प्रीमियम खत्म हो सकता है।



3. गामा का प्रभाव:

वीकली ऑप्शन में गामा (प्राइस मूवमेंट का प्रभाव) ज्यादा होता है, जिससे छोटी-छोटी मूवमेंट से भी प्रीमियम तेजी से बदलता है।



4. कम समय, उच्च वोलैटिलिटी:

वीकली ऑप्शन में समय कम होने के कारण, वोलैटिलिटी और खबरों का प्रभाव तुरंत पड़ता है।





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किसे चुनना चाहिए?

1. मंथली ऑप्शन:

अगर आप लंबी अवधि की रणनीतियों जैसे हेजिंग या स्टेबल रिटर्न चाहते हैं।

कम जोखिम और कम फ्रीक्वेंसी के साथ निवेश करना चाहते हैं।



2. वीकली ऑप्शन:

अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग, इंट्राडे, या हाई रिवॉर्ड के लिए तैयार हैं।

वोलैटिलिटी से लाभ कमाने का अनुभव रखते हैं।





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टाइम डिके को समझने का फॉर्मूला

टाइम डिके की दर थीटा पर निर्भर करती है।

जैसे-जैसे ऑप्शन एक्सपायरी के करीब आता है, थीटा बढ़ता है।

मंथली ऑप्शन में थीटा का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता है।

वीकली ऑप्शन में थीटा सबसे तेज आखिरी दो दिनों में बढ़ता है।




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सावधानी और रणनीति

मंथली ऑप्शन:

लंबी अवधि के लिए स्प्रेड रणनीति (जैसे बुल स्प्रेड, बेयर स्प्रेड) का उपयोग करें।

स्टॉप लॉस के साथ पोजीशन कैरी करें।


वीकली ऑप्शन:

केवल अतिरिक्त पूंजी का उपयोग करें।

रिस्क-मैनेजमेंट के लिए शॉर्ट-ड्यूरेशन ट्रेड्स करें।

ऑप्शन बेचने वालों (सेलर्स) के लिए अधिक फायदेमंद।




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निष्कर्ष

मंथली ऑप्शन लंबे समय तक कैरी करना सुरक्षित है क्योंकि टाइम डिके धीमा होता है और रणनीतियां स्थिर होती हैं।

वीकली ऑप्शन तेज मूवमेंट और कम समय में प्रॉफिट के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन इसमें जोखिम ज्यादा है।

अपनी ट्रेडिंग रणनीति और जोखिम क्षमता के अनुसार विकल्प चुनें।


सलाह: शुरुआती निवेशकों को मंथली ऑप्शन से शुरुआत करनी चाहिए, जबकि अनुभवी ट्रेडर्स वीकली ऑप्शन की वोलैटिलिटी का फायदा उठा सकते हैं।


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