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Showing posts from January, 2025

*Active Mutual Fund और Passive Mutual Fund :*

Active Mutual Fund और Passive Mutual Fund के बीच मुख्य अंतर निवेश प्रबंधन की रणनीति और लागत में होता है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं: 1. Active Mutual Fund प्रबंधन: यह फंड एक फंड मैनेजर द्वारा सक्रिय रूप से संचालित किया जाता है। फंड मैनेजर रिसर्च करता है, स्टॉक्स चुनता है, और मार्केट को आउटपरफॉर्म करने की कोशिश करता है। लक्ष्य: बेंचमार्क (जैसे Nifty 50, Sensex) से बेहतर रिटर्न देना। लागत: इसकी एंट्री या एग्जिट लोड और एक्सपेंस रेशियो अधिक होता है क्योंकि फंड मैनेजर और रिसर्च टीम को फीस दी जाती है। रिस्क: हाई रिटर्न की संभावना के साथ, रिस्क भी अधिक हो सकता है। उदाहरण: HDFC Flexi Cap Fund, SBI Bluechip Fund। --- 2. Passive Mutual Fund प्रबंधन: इसे फंड मैनेजर सक्रिय रूप से नहीं चलाता। यह सिर्फ एक बेंचमार्क इंडेक्स (जैसे Nifty 50 या Sensex) को ट्रैक करता है। लक्ष्य: इंडेक्स जैसा ही रिटर्न देना, न कि उससे बेहतर। लागत: इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है क्योंकि इसमें रिसर्च और एक्टिव मैनेजमेंट की जरूरत नहीं होती। रिस्क: मार्केट से जुड़े रिस्क ही होते हैं, लेकिन एक्टिव मैनेजमेंट का रिस्क नहीं...

बोलिंगर बैंड एक तकनीकी संकेतक।

बोलिंगर बैंड एक तकनीकी संकेतक (technical indicator) है, जिसे जॉन बोलिंगर ने विकसित किया था। यह एक चार्ट टूल है जो किसी स्टॉक, इंडेक्स, या अन्य एसेट की वोलैटिलिटी (volatility) और प्राइस मूवमेंट को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। बोलिंगर बैंड का निर्माण: बोलिंगर बैंड तीन मुख्य भागों से मिलकर बनता है: 1. मिडल बैंड (Middle Band): यह आमतौर पर किसी दिए गए समय अवधि (जैसे 20 दिन) का सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) होता है। 2. अपर बैंड (Upper Band): मिडल बैंड + (2 × स्टैंडर्ड डिविएशन)। 3. लोअर बैंड (Lower Band): मिडल बैंड - (2 × स्टैंडर्ड डिविएशन)। कैसे काम करता है: स्टैंडर्ड डिविएशन वोलैटिलिटी का मापन है, इसलिए जब वोलैटिलिटी बढ़ती है, तो बैंड चौड़े हो जाते हैं, और जब वोलैटिलिटी कम होती है, तो बैंड संकीर्ण हो जाते हैं। कीमतें अक्सर अपर और लोअर बैंड के बीच रहती हैं। ट्रेडिंग में उपयोग: 1. ओवरबॉट और ओवरसोल्ड कंडीशन पहचानना: जब प्राइस अपर बैंड के पास हो, तो यह ओवरबॉट (Overbought) की स्थिति का संकेत दे सकता है। जब प्राइस लोअर बैंड के पास हो, तो यह ओवरसोल्ड (Oversold) की स्थिति का संकेत हो सकता है। 2. ब्र...