*Active Mutual Fund और Passive Mutual Fund :*

Active Mutual Fund और Passive Mutual Fund के बीच मुख्य अंतर निवेश प्रबंधन की रणनीति और लागत में होता है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं:

1. Active Mutual Fund

प्रबंधन: यह फंड एक फंड मैनेजर द्वारा सक्रिय रूप से संचालित किया जाता है। फंड मैनेजर रिसर्च करता है, स्टॉक्स चुनता है, और मार्केट को आउटपरफॉर्म करने की कोशिश करता है।

लक्ष्य: बेंचमार्क (जैसे Nifty 50, Sensex) से बेहतर रिटर्न देना।

लागत: इसकी एंट्री या एग्जिट लोड और एक्सपेंस रेशियो अधिक होता है क्योंकि फंड मैनेजर और रिसर्च टीम को फीस दी जाती है।

रिस्क: हाई रिटर्न की संभावना के साथ, रिस्क भी अधिक हो सकता है।

उदाहरण: HDFC Flexi Cap Fund, SBI Bluechip Fund।



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2. Passive Mutual Fund

प्रबंधन: इसे फंड मैनेजर सक्रिय रूप से नहीं चलाता। यह सिर्फ एक बेंचमार्क इंडेक्स (जैसे Nifty 50 या Sensex) को ट्रैक करता है।

लक्ष्य: इंडेक्स जैसा ही रिटर्न देना, न कि उससे बेहतर।

लागत: इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है क्योंकि इसमें रिसर्च और एक्टिव मैनेजमेंट की जरूरत नहीं होती।

रिस्क: मार्केट से जुड़े रिस्क ही होते हैं, लेकिन एक्टिव मैनेजमेंट का रिस्क नहीं होता।

उदाहरण: Nifty 50 Index Fund, Sensex Index Fund।



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मुख्य अंतर:

कौन सा फंड चुनें?

Active Fund: यदि आप उच्च रिटर्न के लिए थोड़ा रिस्क लेने को तैयार हैं।

Passive Fund: यदि आप कम लागत और स्थिर रिटर्न चाहते हैं।


आपकी निवेश योजना और लक्ष्य के अनुसार इन फंड्स का चयन करें।


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