मोदी 2.0 बजट और बाजार।
मोदी गोवरमेंट ने आज अपना बजट पेश किया,और मार्किट ने भी अपनी नाराजगी दिखा दिया। मार्किट को लगा कि मोदी गोवरमेंट ग्रोथ को ध्यान में रख कर बजट पेश करेगी और कुछ नये विचार और नई सोच के साथ कुछ अलग कर मार्किट को नयी रफ्तार देगी। पर निर्मला सीतारमण के बजट में कुछ भी नयी कोशिश या नया विचार इस बजट में नहीं था। बजट के बाद बाजार गिर गया। और NSE 135 और सेंसेक्स 394 पॉइंट गिर गया। और अपनी निराशा दिखा दी।
प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा कैसे दिया जाय ये बजट में कहीं भी दिशा नहीं दी गयी। रोजगार को बढ़ावा देने के ठोस उपाय किया जाना था,पर उसमें भी कुछ नहीं दिखाई दिया। ग्रामीण रोड के लिये 85000 करोड़ और शहरी रोड के लिये 1.5 लाख करोड़ का बजट रखा गया। रक्षा में 3.5 लाख करोड़ का बजट रखा गया। पर स्वास्थ्य और शिक्षा पर जो बजट बढ़ना चाहिये था उसमें भी निराश हाथ लगी। सरकार बड़े फैसले लेने से डरती है,या उसे उन फैसलों की परवाह नहीं है।
सरकार का निजी तंत्र पर विश्वास नहीं रह गया है,पर वो सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में बेचना भी चाहती है। पर इससे किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। समस्या निवेश सेंटिमेंट को सुधारने से दूर होगा। पर कैसे सुधारा जय इस सेंटिमेंट को ये सरकार समझ नहीं पा रही है। पर इसका समाधान आसान है पर सरकार क्या उसे अपनाएगी सबसे पहले निवेश को आकर्षक बनाना पड़ेगा। इसकी सुरुआत आपको शेयर बाजार से करनी पड़ेगी। सबसे पहले LTCG को हटाइये,और निवेश को सरल बनाइये, इसका तरीका सबसे पहले छोटे निवेशकों को शेयर बाजार से जोड़िये,जब तक उनके लिये निवेश आकर्षक नहीं होगा,तब तक वो इस बाजार में आएंगे नहीं। इसके लिये उनको टैक्स बेनिफिट के साथ साथ उनके निवेश की सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा। इसके लिये आपको आपकी रेटिंग एजेंसी को उनकी जबाबदेही समझानी पड़ेगी, अगर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही का प्रावधान हो और इसके साथ ऑडिटर को भी उनकी जिम्मेदारी का एहसास करना होगा जो ऑडिटर या ऑडिट फॉर्म अपना काम ठीक न करें उनको ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए। जिससे लोगों को सही और ईमानदार कंपनी चुनने में सहायता हो।
ये सारे कदम हमारे बाज़ार को पारदर्शी और मजबूत बनाने में सहयोग करेंगे।
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