मार्किट में गिरावट।
आज मार्किट में गिरावट आयी, पर आज गिरावट शब्द का प्रयोग करना ठीक नहीं है,आज भयंकर गिरावट शब्द का प्रयोग करना पड़ेगा।
आज जब सुबह मार्किट खुला तो बजट की खुमारी बाज़ार से उतरी नहीं थी। जब मार्किट के पार्टिसिपेंट्स ने ये समझा कि 2 से 5 करोड़ की आय पर जो मोदी सरकार ने सरचार्ज लगाया है वो FII ,HNI और FPI पर भी उसका असर पड़ेगा। तो मार्केट में मार-काट मच गई।
एक तरफ मोदी सरकार विदेशों से निवेश को आमंत्रित कर रही है,उसे आसान बना रही है जो उसके द्वारा बजट भाषण में कहा गया पर उसके उलट सरचार्ज लगा पूरा बाजार का सेंटिमेंट को तोड़ दिया। आज की जबरदस्त गिरावट में 2 लाख करोड़ से ज्यादा का मार्केट कैप का भारत के शेयर बाजार को नुकसान हुआ है। और अभी भी भारत सरकार ने किसी भी तरह का इस विषय पर स्पष्टीकरण नहीं दिया। शाम को वित्त मंत्री और RBI की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इस पर कोई जबाब नहीं दिया गया।
सरकार समझती है कि वो बिना मार्केट ही देश चला लेगी पर ये भूल है। 5 साल में बाजार ने रोकर बिताया पर 5 साल और अगर यही टकराव रहा तो देश मे गंभीर रोजगार संकट पैदा होने वाला है। सरकार का 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का सपना पूरा शायद ही पूरा हो।
और जिस तरह मारुति ने लगातार 6वी महीने प्रोडक्शन कट करने की घोषणा की ये दिखता है, बाजार में आगे भी मंदी ही है।
सरकार को जब इंडस्ट्री को सहारा देना चहिये उस समय सरचार्ज लगा कर और उसे गर्त में धकेलने का काम हुआ है।
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