भारत में ऑटो सेक्टर में 20 साल बाद मंदी के बादल छा रहें है। इस मंदी का बड़ा कारण आर्थिक मंदी और सिस्टम में लिक्विडिटी की समस्या। कार ट्रक और SUV और छोटे-बड़े ट्रांसपोर्ट के ट्रक को जो फिनांस करते थे उनमें सबसे बड़े नाम थे NBFC कंपनियों का था। पर जब से IL&FS डूब गई और फिर NBFC कंपनी में कुछ लिक्विडिटी की समस्या हुई,तब से सारी NBFC कंपनीयों में गहरा संकट छा गया है। आज NBFC का लोन पोर्टफोलियो 36 लाख करोड़ का हो चुका है,और RBI ने जिस तरह इनके प्रति बेरुखी दिखाई उससे मार्किट में घोर निराशा भी है। आज लगभग 35000 करोड़ के वाहन डीलर के पास इन्वेंट्री पड़ी है,और ख़रीदार गायब है। ये माल अगर नहीं बिका तो डीलर और माल नहीं लेंगे और कंपनियों को मजबूरी में प्रोडक्शन कट करना पड़ेगा। और समस्या और विकराल हो जाएगी। Maruti Suzuki (मारुति सुजुकी) ने मई 2019 में अपनी कारों के उत्पादन (प्रोडक्शन) को 18 फीसद से भी ज्यादा घटा दिया है। भारत की दिग्गज कार निर्माता की तरफ से यह लगातार चौथी बार है, जब कंपनी ने अपनी वाहनों के प्रोडक्शन को घटाया है। Maruti Suzuki ने मई 2018 में कुल 1,84,612 यू...