NBFC और बैंकों का हाल।

नये सरकार में गवर्नमेंट में शेयर बाज़ार का हाल अनाथ हो गया है। किसी भी तरह न उत्साह है न ही कोई इसकी सुध लेने वाला है। आज RBI पॉलिसी के बाद एक जबरदस्त दबाव बना और अंत भी उसी दबाव के गहराने से एक बड़ी गिरावट के साथ बन्द हुआ। RBI के 25 बेसिस पॉइंट रेट कट के बाद से गिरावट की शुरुआत हुई। और गवर्नर शक्तिकांता दास के स्टेटमेंट के बाद और जबरदस्त गिरावट आयी कारण बाजार को उम्मीद थी कि RBI गवर्नर NBFC के बारे में कुछ बोलेंगे पर NBFC के बारे उन्होंने कुछ भी पॉजिटव बात नहीं कि उल्टा उसको रेगुलेट करना RBI का काम नहीं कह कर संकट पैदा कर दिया। आज NBFC का 35 लाख करोड़ का लोन पोर्टफोलियो है। जो अब बड़े डिफ़ॉल्ट की तैयारी कर रहा है।इसमें बड़ा इन्वेस्टमेंट म्यूच्यूअल फण्ड के पैसे लगे है,अगर ये डूबे तो तगड़ा झटका उन म्यूच्यूअल फण्ड को लगेगा जो इनके  बांड या फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में पैसा लगाया होगा। अब जो भी कमजोर NBFC है उनके बुरे दिन आ गए है अब लोगों को उनके शेयर से भी बच कर रहना होगा। RBI से अब उम्मीद कम है कि ये इन NBFC को बचाएंगे। कुछ बैंक भी खतरा महसूस करेंगे जिनका एक्सपोज़र इन NBFC में होगा।
सरकार को अब ये निश्चय करना चाहिये,की NBFC को और बेहतर तरीके से रेगुलेट किया जाये और जिस तरह बैंक को RBI रेगुलेट करता है उसी तरह  NBFC को भी RBI द्वारा ही रेगुलेट किया जाये और उनके भी मानक बैंकों की तरह या आस-पास तय किये जाये जिससे उनकी डिफॉल्ट करने की संभावना कम की जा सके नहीं तो ये बैंकों से ही कर्ज लेकर या म्यूच्यूअल फण्ड के पैसों को डूबा न सकें ।

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