Jobs crisis in India
आज राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ,मोदी गोवरमेंट ने अपने 5 साल के रोडमेप को प्रस्तुत किया। जिसमें कुछ वादे भी किये गए। सबसे बड़ा वादा 5 साल में सबको घर। पानी का संरक्षण प्रमुख था। पर आज सबसे बड़ी जरूरत है रोजगार को किस तरह बढ़ाया जाय। रोजगार की व्यवस्था आज सबसे प्रमुख समस्या है। पर सरकार का जोर अभी भी स्वरोजगार की तरह है,यानी आप अपनी औकात के हिसाब से छोटा मोटा धंधा कर लो जैसे पकोड़े, परचून,चाय, कॉफी,टेम्पो,ट्रक, या छोटे मोटे समान का प्रोडक्शन करो। अब सरकार आपको बाबू बनाने की नौकरी शायद नहीं देने वाली है। क्योंकि सरकार का जोर PSU को डिसइन्वेस्टमेंट करना या पूरी तरह से बेचना ही मकसद है। अब इंजीनियरिंग करके आप अगर 10-20 लाख के पैकेज की नौकरी खोज रहे है तो आपको IIT या रुड़की से या BHU का प्रोडक्ट बनाना पड़ेगा,अगर डोनेशन से इंजीनियरिंग की है तो आपको एक ही उपाय है अपना धंधा करो या 10-15 हजार की नौकरी करो। अब सबको ये सोच कर पढ़ाई करनी पड़ेगी की आप क्या करना चाहते है। IT सेक्टर में नौकरी जो पहले आसानी से मिल जाती थी अब अगर आपको AI ,रोबोटिक, बियो इंफोमाटिक्स,ब्लॉक चेन,क्रिओप्टो करेंसी जैसा स्किल आता है तो काम मिलेगा नहीं तो कोड राइटिंग,सॉफ्टवेयर मेंटेनेस तो अब छोटे मोटे कोर्स या डिप्लोमा करके ही काम मिल जाता है। बैंकिंग सेक्टर में भी अबतक जो आप कंप्यूटर का दखल देख रहे वो तो सिर्फ अभी बानगी है। सबसे ज्यादा नौकरी अगर किसी सेक्टर में जाएगी वो बैंक ही होगा। AI और रोबोटिक के आने के बाद कलर्क से लेकर मैनेजर का काम अब कम्प्यूटर ही करेगा। बैंक में लेनदेन अगले 10 सालों में 80% तक डिजिटल होगा। कैश में काम करने पर आपको अलग से कैश हैंडलिंग चर्च देना होगा। और कैश निकलने और जमा करने पर टैक्स या चार्ज देना होगा। अगले 20 सालों में प्लेन की जगह ड्रोन और फाइटर प्लेन की जगह फाइटर ड्रोन ले लेंगें। कार से इंजन खत्म हो जायेगा और उसकी जगह इलेक्ट्रिक मोटर और hydrogen fuel cell ले लेगा। तो जिनका धंधा इंजन या engine पार्ट्स का होगा वो सब खत्म हो जायेगा। टीचर एक स्कूल या यूनिवर्सिटी में पढ़ायेगा और बाकी स्कूल vset से कनेक्ट हो कर उस टीचर से पढ़ेंगे।
बस इन्तिज़ार करिये अगले 10 -15 साल में बहुत कुछ बदलेगा।
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