टेक्निकल एनालिसिस के जरिए स्टॉक कैसे चुनें।
टेक्निकल एनालिसिस के जरिए स्टॉक चुनने के लिए चार्ट्स और इंडिकेटर्स का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया स्टॉक की कीमत और वॉल्यूम पर आधारित होती है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी मापदंड (technical parameters) दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप स्टॉक चुन सकते हैं:
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1. ट्रेंड एनालिसिस (Trend Analysis):
अपट्रेंड: अगर स्टॉक की कीमत ऊंचाई बनाते हुए लगातार बढ़ रही है, तो यह खरीदने का संकेत है।
डाउनट्रेंड: लगातार गिरती कीमत बेचने का संकेत देती है।
साइडवे ट्रेंड: जब स्टॉक की कीमत एक दायरे में रहती है, तब इंतजार करना बेहतर होता है।
टूल्स:
मूविंग एवरेज (Moving Average):
50-day, 100-day, और 200-day मूविंग एवरेज को देखकर लंबी अवधि का ट्रेंड पहचानें।
जब कीमत मूविंग एवरेज से ऊपर हो, तो यह बुलिश संकेत देता है।
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2. सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support and Resistance):
सपोर्ट लेवल: वह स्तर जहां स्टॉक की कीमत गिरने से रुक जाती है और खरीदारी बढ़ती है।
रेजिस्टेंस लेवल: वह स्तर जहां स्टॉक की कीमत बढ़ने से रुक जाती है और बिकवाली बढ़ती है।
जब स्टॉक सपोर्ट पर हो, तो खरीदने का मौका होता है।
जब स्टॉक रेजिस्टेंस को पार करे (Breakout), तो यह खरीदने का संकेत हो सकता है।
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3. वॉल्यूम एनालिसिस (Volume Analysis):
उच्च वॉल्यूम: अगर कीमत बढ़ते समय वॉल्यूम भी बढ़े, तो यह ट्रेंड के मजबूत होने का संकेत है।
कम वॉल्यूम: गिरावट के समय वॉल्यूम कम हो, तो यह रिवर्सल का संकेत हो सकता है।
वॉल्यूम एनालिसिस में ऑन बैलेंस वॉल्यूम (OBV) और वॉल्यूम मूविंग एवरेज मददगार होते हैं।
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4. इंडिकेटर्स (Indicators):
आरएसआई (Relative Strength Index):
30 से नीचे हो, तो स्टॉक ओवरसोल्ड है (खरीदने का संकेत)।
70 से ऊपर हो, तो स्टॉक ओवरबॉट है (बेचने का संकेत)।
एमएसीडी (Moving Average Convergence Divergence):
अगर MACD लाइन सिग्नल लाइन को ऊपर से काटे, तो खरीदने का संकेत है।
नीचे से काटे, तो बेचने का संकेत।
बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands):
अगर कीमत निचले बैंड पर हो, तो यह खरीदने का संकेत है।
ऊपरी बैंड पर हो, तो बेचने का संकेत।
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5. पैटर्न रिकग्निशन (Pattern Recognition):
बुलिश पैटर्न:
डबल बॉटम, कप एंड हैंडल, हेड एंड शोल्डर (इन्वर्टेड)
यह स्टॉक की कीमत के बढ़ने का संकेत देता है।
बेयरिश पैटर्न:
डबल टॉप, हेड एंड शोल्डर
यह गिरावट का संकेत देता है।
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6. गैप एनालिसिस (Gap Analysis):
गैप अप: जब स्टॉक की कीमत पिछले दिन के क्लोज से ऊपर खुले, तो यह खरीदने का संकेत हो सकता है।
गैप डाउन: यह बिकवाली का संकेत हो सकता है।
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7. फिबोनाची रिट्रेसमेंट (Fibonacci Retracement):
कीमत के संभावित रिवर्सल पॉइंट को पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है।
महत्वपूर्ण स्तर: 38.2%, 50%, और 61.8%।
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8. टाइम फ्रेम का चुनाव (Time Frame Selection):
इंट्राडे: 5 मिनट या 15 मिनट के चार्ट।
स्विंग ट्रेडिंग: 1 घंटे या 4 घंटे के चार्ट।
लॉन्ग-टर्म: डेली और वीकली चार्ट।
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9. सेंटिमेंट एनालिसिस (Sentiment Analysis):
मार्केट सेंटिमेंट को समझने के लिए पुट-कॉल रेशियो (PCR) या अन्य डाटा का उपयोग करें।
हाई PCR: बुलिश सिग्नल।
लो PCR: बेयरिश सिग्नल।
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10. बैकटेस्टिंग और प्रैक्टिस:
अपनी रणनीति को बैकटेस्ट करें और डेमो अकाउंट में प्रैक्टिस करें।
इन सभी तकनीकी मापदंडों को समझकर और उनके बीच सामंजस्य बनाकर आप स्टॉक्स का चुनाव कर सकते हैं। ध्यान दें कि तकनीकी विश्लेषण में सटीकता समय, धैर्य और अभ्यास से आती है।
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