Stock investment का फंडामेंटल एनालिसिस

किसी स्टॉक को चुनने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस के तहत निम्नलिखित मापदंडों (criteria) का उपयोग किया जाता है:

1. कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन (Financial Performance):

राजस्व वृद्धि (Revenue Growth): कंपनी के राजस्व में निरंतर वृद्धि होनी चाहिए।

मुनाफा (Profitability): शुद्ध मुनाफा (Net Profit Margin) और परिचालन मार्जिन (Operating Margin) स्थिर और बढ़ते हुए होने चाहिए।

ईपीएस (Earnings Per Share): यह बताता है कि कंपनी ने प्रति शेयर कितनी कमाई की। उच्च और स्थिर EPS बेहतर संकेत है।


2. वैल्यूएशन (Valuation):

पी/ई रेशियो (Price to Earnings Ratio): यह कंपनी के शेयर की कीमत को उसकी प्रति शेयर आय से तुलना करता है। यह क्षेत्र और उद्योग के औसत से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

पी/बी रेशियो (Price to Book Ratio): यह बताता है कि शेयर की कीमत उसकी बुक वैल्यू के मुकाबले कितनी है।


3. ऋण प्रबंधन (Debt Management):

डेब्ट टू इक्विटी रेशियो: यह कंपनी की वित्तीय स्थिरता का संकेत देता है। कम रेशियो सुरक्षित होता है।

इंटरेस्ट कवरेज रेशियो: यह दिखाता है कि कंपनी अपने कर्ज के ब्याज का भुगतान कितनी आसानी से कर सकती है।


4. प्रबंधन गुणवत्ता (Management Quality):

प्रबंधन का अनुभव और उसका इतिहास।

क्या प्रबंधन ने पहले शेयरधारकों को फायदा पहुंचाया है?

कंपनी की भविष्य की योजनाओं और रणनीतियों की पारदर्शिता।


5. उद्योग और प्रतिस्पर्धा (Industry and Competition):

कंपनी जिस उद्योग में काम करती है, उसका ग्रोथ पोटेंशियल।

क्या कंपनी के पास प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त (Competitive Edge) है?

मार्केट शेयर और ब्रांड वैल्यू।


6. डिविडेंड और रिटर्न (Dividend and Return):

डिविडेंड यील्ड: क्या कंपनी नियमित रूप से डिविडेंड देती है?

कंपनी का आरओई (Return on Equity) और आरओसीई (Return on Capital Employed)।


7. कॉर्पोरेट गवर्नेंस (Corporate Governance):

कंपनी की नीतियां और शेयरधारकों के हितों की सुरक्षा।

किसी भी तरह के कानूनी विवाद या घोटालों का इतिहास।


8. भविष्य की संभावनाएं (Future Prospects):

कंपनी का बिज़नेस मॉडल आने वाले समय में प्रासंगिक और टिकाऊ है या नहीं।

क्या कंपनी नए अवसरों का लाभ उठा सकती है, जैसे टेक्नोलॉजी एडॉप्शन, विस्तार आदि।


9. कैश फ्लो (Cash Flow):

कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ्लो पॉजिटिव होना चाहिए।

फ्री कैश फ्लो (Free Cash Flow) दिखाता है कि कंपनी कितनी वित्तीय रूप से स्वतंत्र है।


10. अन्य मेट्रिक्स:

सेल्स ग्रोथ: साल-दर-साल और तिमाही-दर-तिमाही।

मार्केट कैप (Market Capitalization): लार्ज-कैप, मिड-कैप, या स्मॉल-कैप शेयर का चुनाव।

इंस्टीट्यूशनल होल्डिंग: अगर बड़ी संस्थाएं (Mutual Funds, FIIs) किसी कंपनी में निवेश कर रही हैं, तो यह एक अच्छा संकेत हो सकता है।


इन सभी मापदंडों को ध्यान में रखते हुए आप किसी भी स्टॉक में लंबी अवधि का निवेश कर सकते हैं। साथ ही, हर निवेश के पहले उचित रिसर्च और विशेषज्ञ सलाह जरूर लें।


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