Future trading में पोजीशन को हेज करना ।
Future trading में पोजीशन को हेज करना और रिस्क मैनेज करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह एक leveraged product है और इसमें जोखिम अधिक होता है। यहाँ कुछ मुख्य तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपनी पोजीशन को हेज और रिस्क को मैनेज कर सकते हैं:
1. ऑप्शन का उपयोग करें (Use Options for Hedging):
पुट ऑप्शन खरीदना (Buying Put Options):
यदि आपने फ्यूचर में किसी स्टॉक को खरीदा है (लॉन्ग पोजीशन ली है), तो उसके लिए एक पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं। यह कीमत गिरने पर आपको नुकसान से बचाएगा।
उदाहरण: आपने Nifty का फ्यूचर 20,000 पर खरीदा है। आप 19,800 का पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं। यदि Nifty गिरता है, तो ऑप्शन प्रीमियम से आपका नुकसान कम होगा।
कॉल ऑप्शन खरीदना (Buying Call Options):
यदि आपने किसी फ्यूचर में शॉर्ट पोजीशन ली है, तो आप हेजिंग के लिए कॉल ऑप्शन खरीद सकते हैं। यह कीमत बढ़ने पर आपका नुकसान कम करेगा।
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2. स्टॉप लॉस का उपयोग करें (Use Stop Loss):
हर ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस सेट करें। यह तय करें कि आप अधिकतम कितना नुकसान सह सकते हैं।
उदाहरण: यदि आपने 1,000 पर फ्यूचर खरीदा है और आपका रिस्क टॉलरेंस ₹20 है, तो स्टॉप लॉस 980 पर सेट करें।
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3. स्प्रेड स्ट्रेटेजी (Spread Strategy):
Bull Call Spread: यदि आप बाजार के ऊपर जाने की उम्मीद कर रहे हैं, तो एक कॉल खरीदें और एक उच्च स्ट्राइक प्राइस पर कॉल बेचें।
Bear Put Spread: यदि आप बाजार के गिरने की उम्मीद कर रहे हैं, तो एक पुट खरीदें और एक निचले स्ट्राइक प्राइस पर पुट बेचें।
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4. पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन:
केवल एक ही सेक्टर या स्टॉक पर ध्यान न दें। अपनी पोजीशन को अलग-अलग सेक्टरों और एसेट्स में वितरित करें।
उदाहरण: यदि आपने बैंकिंग सेक्टर में लॉन्ग पोजीशन ली है, तो आप मेटल सेक्टर में शॉर्ट पोजीशन ले सकते हैं।
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5. मार्जिन का सही उपयोग करें (Leverage Control):
कभी भी अपनी पूरी पूंजी फ्यूचर में निवेश न करें। मार्जिन का उपयोग सोच-समझकर करें और ओवर-लेवरेज से बचें।
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6. समाचार और वॉलैटिलिटी पर नज़र रखें:
बड़ी घटनाओं (जैसे बजट, फेडरल रिजर्व मीटिंग) के दौरान वोलैटिलिटी बढ़ती है। ऐसे समय में अपनी पोजीशन को लाइट रखें।
वोलैटिलिटी बढ़ने पर VIX पर नजर रखें और उसी के अनुसार अपनी रणनीति बनाएं।
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7. ट्रेडिंग जर्नल रखें (Maintain a Trading Journal):
हर ट्रेड को रिकॉर्ड करें और उसके प्रदर्शन का विश्लेषण करें। इससे आपको समझने में मदद मिलेगी कि आपकी रणनीतियाँ कहां सफल हो रही हैं और कहां सुधार की आवश्यकता है।
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8. फ्यूचर और कैश मार्केट हेजिंग:
फ्यूचर के खिलाफ कैश मार्केट में पोजीशन लेना:
यदि आपने फ्यूचर में किसी स्टॉक को खरीदा है, तो आप कैश मार्केट में उसी स्टॉक को बेचकर हेज कर सकते हैं।
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9. रिस्क-रिवार्ड रेशियो समझें (Risk-Reward Ratio):
हमेशा 1:2 या उससे बेहतर रिस्क-रिवार्ड रेशियो के साथ ट्रेड करें। इसका मतलब है कि यदि आप ₹1 का रिस्क लेते हैं, तो कम से कम ₹2 का संभावित प्रॉफिट होना चाहिए।
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निष्कर्ष:
फ्यूचर ट्रेडिंग में हेजिंग और रिस्क मैनेजमेंट दोनों ही जरूरी हैं। ऑप्शन का सही उपयोग, स्टॉप लॉस सेट करना, और बाजार की जानकारी रखना आपको नुकसान से बचाने और प्रॉफिट बढ़ाने में मदद कर सकता है। हमेशा अनुशासित रहें और अपनी ट्रेडिंग रणनीति पर टिके रहें।
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