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Showing posts from 2019

घटता GDP और सरकार

लगातार गिरता GDP भारत की जनता और BJP सरकार दोनों के लिये चुनौती बन रही है,ताजा आंकड़े 4.5% के आने के बाद सरकार सकते है। बाजार ने इन आंकड़ों को पहले से ही अनुमान लगा रखा था। कांग्रेस को छोड़ और दूसरे विपक्षी दलों को ये कोई मुद्दा नहीं लगता क्योंकि उनकी आर्थिक समझ उस तरह की नहीं है जो कांग्रेस के पास है। इस कारण BJP को भी इससे जादा घबराहट नहीं होती। पर क्या कारण है इस तरह GDP नंबर्स क्यों गिर रहे है। आप गौर से देखें तो जो भी कोर सेक्टर है जैसे मैनुफैक्चरिंग, माइनिंग,कैपिटल गुड्स,सर्विस सेक्टर,एग्रीकल्चर सभी में गिरावट देखी जा रही है। सभी लोग कह रहे है डिमांड कम हुई है। पर जब असली कारण डिमांड कम हो रही है नहीं तो आप देखेंगे कि इसमें सबसे बड़े दो कारण दिखाई देंगे पहला कारण GST का आना दुनियां में जिस देश में भी GST लागू की गयी उस देश की GDP ने 1%से लेकर 2% तक गोता लगाया है। और जो सत्ता में थे उनको लोगों ने हरा दिया यहाँ सत्ता नहीं बदली परGDP जरूर गिरा। दूसरा कारण नोटबन्दी भी है, सरकार ने सोचा था कि उसे 2 से 3लाख करोड़ का फायेदा होगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ और एक समानांतर काली अर्थव्यवस्था जो फल-फूल ...

जुलाई में बाज़ार में कोहराम।

इस साल जुलाई में शेयर बाजार का हाल 2002 के बाद सबसे बुरा रहा है। इस दौरान निफ्टी 5.68 फीसदी और सेंसेक्स 4.86 फीसदी गिर चुका है। पिछले 17 साल में किसी एक महीने में होने वाली यह सबसे बड़ी गिरावट है। जुलाई 2002 में निफ्टी 50 करीब 9.3 फीसदी और सेंसेक्स 8 फीसदी तक गिरा था। सामान्य तौर पर जुलाई में बाजार में तेजी रहती है। लेकिन मॉनसून में देरी, कंपनियों के कमजोर नतीजे, सुस्त इकोनॉमिक ग्रोथ और कई अन्य कारणों से बाजार में कमजोरी है। इन 5 शेयरों में रही तेजी इस दौरान निफ्टी 50 के सिर्फ 5 शेयरों ने पॉजिटिव रिटर्न दिया और 45 शेयरों का रिटर्न नेगेटिव रहा। जिन पांच शेयरों का रिटर्न पॉजिटिव रहा उनमें  Asian Paints, Infosys, Sun Pharma, Kotak Bank और PowerGrid रहा। इस  बीच सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में Titan, Tata Motors, Coal India, GAIL, Axis Bank, Bajaj Finserv, Eicher Motors, M&M और YES Bank रहा। इनमें जुलाई के दौरान 15 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ चुकी है। बाजार के लिए जुलाई का महीना बहुत बुरा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सुपर रिच पर ज्यादा टैक्स, कमजोर नतीजे, कमजोर मॉनसू...

भारत में मंदी की आहट।

भारतीये शेयर बाज़ार बजट के बाद अनाथों की तरह हो गया है।  इसकी गिरावट खत्म होने का नाम ले रही है। जो बाज़ार बजट के पहले नई ऊचाइयां छूने को बेताब था, उसमें बजट के बाद कि गिरावट ने उ...

बाज़ार में गिरावट,क्या मंदी में है भारत।

नई सरकार बनने के बाद बाज़ार में एक अघोषित मंदी का वातावरण बन गया है, मुझे लगा शेयर बाज़ार में गिरावट है,पर मैं जब अपने आस पास दूसरे व्यपारियों से पूछा आपका धंधा कैसा चल रहा है,सब...

मार्किट में गिरावट।

आज मार्किट में गिरावट आयी, पर आज गिरावट शब्द का प्रयोग करना ठीक नहीं है,आज भयंकर गिरावट शब्द का प्रयोग करना पड़ेगा। आज जब सुबह मार्किट खुला तो बजट की खुमारी बाज़ार से उतरी नही...

भारतीये बाजार और कॉरपोरेट गवर्नेंस।

भारतीये बाज़ार में सबसे बड़ी समस्या कॉरपोरेट गवर्नेंस की है। कुछ कंपनियों को अगर अलग कर दिया जाय तो लगभग 80% कंपनियों में इस समस्या को महसूस किया जा सकता है। कंपनियों में गड़बड़...

मोदी 2.0 बजट और बाजार।

मोदी गोवरमेंट ने आज अपना बजट पेश किया,और मार्किट ने भी अपनी नाराजगी दिखा दिया। मार्किट को लगा कि मोदी गोवरमेंट ग्रोथ को ध्यान में रख कर बजट पेश करेगी और कुछ नये विचार और नई स...

विपक्ष और सरकार।

बिना विपक्ष की सरकार निरंकुश, निर्दयी,और घमंडी होती है। अगर विपक्ष अपनी विश्वशनियता खो दे तो सरकार में रहनेवाले दल बिना भय और जिम्मेदारी के सरकार चलाते है। देश आजाद हुआ तो ...

Jobs crisis in India

आज राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ,मोदी गोवरमेंट ने अपने 5 साल के रोडमेप को प्रस्तुत किया। जिसमें कुछ वादे भी किये गए। सबसे बड़ा वादा 5 साल में सबको घर। पानी का संरक्षण प्रमुख था। प...

Financial planning कैसे करें।

दोस्तों आज की सबसे बड़ी समस्या है सैलरी में जितने ज्यादा जीरो हो,उतना ही बंदा परेशान रहता है। कारण क्या है, सबसे बड़ा कारण है लोग नौकरी करते है,और शादी और बच्चों के बाद ख़र्च भी उ...

नई सरकार और बाज़ारों का हाल!

आज नई सरकार आने के बाद भी शेयर बाज़ार में कोई विशेष खुशी नहीं है। कारण बाज़ार अपने कमजोरी से पार नहीं पा रहा है। बाज़ार में पिछले 5 साल बैंकों ने ग्रोथ नहीं होने दिया,और नई सरकार क...

NBFC और बैंकों का हाल।

नये सरकार में गवर्नमेंट में शेयर बाज़ार का हाल अनाथ हो गया है। किसी भी तरह न उत्साह है न ही कोई इसकी सुध लेने वाला है। आज RBI पॉलिसी के बाद एक जबरदस्त दबाव बना और अंत भी उसी दबाव के ...

ऑटो सेक्टर में मंदी मचा हाहाकार!

 भारत में ऑटो सेक्टर में 20 साल बाद मंदी के बादल छा रहें है। इस मंदी का बड़ा कारण आर्थिक मंदी और सिस्टम में लिक्विडिटी की समस्या। कार ट्रक और SUV और छोटे-बड़े ट्रांसपोर्ट के ट्रक को जो फिनांस करते थे उनमें सबसे बड़े नाम थे NBFC कंपनियों का था। पर जब से IL&FS डूब गई और फिर NBFC कंपनी में कुछ लिक्विडिटी की समस्या हुई,तब से सारी NBFC कंपनीयों में गहरा संकट छा गया है। आज NBFC का लोन पोर्टफोलियो 36 लाख करोड़ का हो चुका है,और RBI ने जिस तरह इनके प्रति बेरुखी दिखाई उससे मार्किट में घोर निराशा भी है। आज लगभग 35000 करोड़ के वाहन डीलर के पास इन्वेंट्री पड़ी है,और ख़रीदार गायब है। ये माल अगर नहीं बिका तो डीलर और माल नहीं लेंगे और कंपनियों को मजबूरी में प्रोडक्शन कट करना पड़ेगा। और समस्या और विकराल हो जाएगी। Maruti Suzuki  (मारुति सुजुकी) ने मई 2019 में अपनी कारों के उत्पादन (प्रोडक्शन) को 18 फीसद से भी ज्यादा घटा दिया है। भारत की दिग्गज कार निर्माता की तरफ से यह लगातार चौथी बार है, जब कंपनी ने अपनी वाहनों के प्रोडक्शन को घटाया है।  Maruti Suzuki  ने मई 2018 में कुल 1,84,612 यू...