चार्ट क्या होता है ।

चार्ट एक ग्राफिकल प्रतिनिधित्व (graphical representation) होता है, जिसका उपयोग आंकड़ों, डेटा या जानकारी को स्पष्ट और सरल रूप से समझाने के लिए किया जाता है। चार्ट का उपयोग वित्तीय मार्केट्स, विशेष रूप से शेयर बाजार में, स्टॉक प्राइस मूवमेंट और अन्य डेटा को विज़ुअलाइज करने के लिए किया जाता है, जिससे निवेशक ट्रेंड और पैटर्न को समझकर बेहतर निर्णय ले सकें।

चार्ट के प्रकार:

चार्ट कई तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:

1. लाइन चार्ट (Line Chart):

विवरण: यह सबसे सरल चार्ट होता है। इसमें समय के साथ शेयर की कीमत की मूवमेंट को एक रेखा के रूप में दिखाया जाता है।

प्रयोग: यह चार्ट लंबी अवधि के लिए शेयर की कीमत के उतार-चढ़ाव को ट्रैक करने के लिए अच्छा होता है।

विशेषता: यह ओपन, हाई, लो और क्लोज कीमत में से सिर्फ क्लोज प्राइस को ट्रैक करता है।


2. बार चार्ट (Bar Chart):

विवरण: इस चार्ट में हर दिन के लिए एक वर्टिकल बार होता है, जो ओपन, हाई, लो और क्लोज प्राइस को दर्शाता है।

प्रयोग: इसका उपयोग निवेशक बाजार में अधिक विस्तार से कीमतों की गतिविधि को समझने के लिए करते हैं।

विशेषता: यह चार्ट हर समय अवधि की चार महत्वपूर्ण कीमतों (OHLC - Open, High, Low, Close) को दिखाता है।


3. कैंडलस्टिक चार्ट (Candlestick Chart):

विवरण: कैंडलस्टिक चार्ट भी बार चार्ट की तरह ही ओपन, हाई, लो और क्लोज कीमतें दिखाता है, लेकिन इसमें हर दिन की मूवमेंट को एक "कैंडल" के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। कैंडल का रंग बताता है कि कीमत ऊपर गई है (आमतौर पर हरा/सफेद) या नीचे (लाल/काला)।

प्रयोग: इसका उपयोग शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों निवेशों के लिए किया जाता है। यह ट्रेडिंग में सबसे लोकप्रिय चार्ट है।

विशेषता: इसमें बारीक विवरण होता है और यह ट्रेडर्स को ट्रेंड और पैटर्न पहचानने में मदद करता है, जैसे डोजी, हैमर, इनगल्फिंग आदि।


4. पाइ चार्ट (Pie Chart):

विवरण: यह गोलाकार चार्ट होता है, जिसमें डेटा के अलग-अलग हिस्सों को पाई के टुकड़ों के रूप में दिखाया जाता है।

प्रयोग: इसका उपयोग शेयर बाजार में नहीं, बल्कि पोर्टफोलियो वितरण, खर्च आदि को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

विशेषता: यह विभिन्न घटकों का कुल डेटा में हिस्सा दिखाता है।


5. एरिया चार्ट (Area Chart):

विवरण: यह लाइन चार्ट की तरह होता है, लेकिन इसमें लाइन के नीचे का हिस्सा रंगीन होता है। यह किसी संपत्ति की कीमत की मूवमेंट को दर्शाता है।

प्रयोग: इसका उपयोग कुल डेटा के परिवर्तन को दिखाने के लिए किया जाता है।

विशेषता: यह समय के साथ हुए कुल परिवर्तन को समझने में मदद करता है।


6. पॉइंट एंड फिगर चार्ट (Point and Figure Chart):

विवरण: यह चार्ट सिर्फ कीमत के मूवमेंट को ट्रैक करता है और समय को नजरअंदाज करता है। यह एक एक्स और ओ के रूप में प्राइस मूवमेंट को दिखाता है, जहां एक्स बढ़ती कीमत को और ओ घटती कीमत को दर्शाता है।

प्रयोग: यह मुख्य रूप से ट्रेंड्स और ब्रेकआउट्स को समझने के लिए उपयोग किया जाता है।

विशेषता: इसमें समय का कारक शामिल नहीं होता, इसलिए यह लंबी अवधि के ट्रेंड्स को पहचानने में मदद करता है।


7. रेनको चार्ट (Renko Chart):

विवरण: इसमें एक ईंट (ब्रिक) की तरह ब्लॉक्स होते हैं, जो कीमत के एक निश्चित अंतराल पर बनते हैं। इसका उपयोग शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग में किया जाता है।

प्रयोग: यह चार्ट प्राइस ट्रेंड को समझने और वॉल्यूम की अनदेखी कर सिर्फ कीमत की दिशा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

विशेषता: यह सिर्फ कीमत के मूवमेंट पर आधारित होता है, इसलिए शॉर्ट-टर्म ट्रेंड्स को पकड़ने में सहायक होता है।


सारांश:

ये सभी चार्ट्स अपने-अपने उद्देश्यों और स्थितियों के आधार पर उपयोग किए जाते हैं। वित्तीय बाजार में ट्रेडिंग और निवेश के लिए चार्ट्स की समझ होना बेहद जरूरी है।


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