ROE (Return on Equity) और ROA (Return on Assets) दोनों ही वित्तीय अनुपात क्या हैं।
ROE (Return on Equity) और ROA (Return on Assets) दोनों ही वित्तीय अनुपात हैं, जिनका उपयोग किसी कंपनी की लाभप्रदता और कार्यक्षमता का आकलन करने के लिए किया जाता है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. ROE (Return on Equity)
ROE यह मापता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों की पूंजी का कितनी कुशलता से उपयोग कर रही है लाभ कमाने के लिए। यह कंपनी की नेट इनकम को शेयरधारकों की इक्विटी से तुलना करता है।
गणना:
\text{ROE} = \frac{\text{Net Income}}{\text{Shareholders' Equity}} \times 100
उद्देश्य: ROE यह दर्शाता है कि शेयरधारकों द्वारा निवेश किए गए पैसे पर कंपनी कितना रिटर्न कमा रही है। उच्च ROE यह संकेत देता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों के लिए अच्छा रिटर्न दे रही है।
2. ROA (Return on Assets)
ROA यह मापता है कि कंपनी अपनी कुल संपत्तियों का कितनी कुशलता से उपयोग कर रही है लाभ कमाने के लिए। यह कंपनी की नेट इनकम को उसकी कुल संपत्तियों से तुलना करता है।
गणना:
\text{ROA} = \frac{\text{Net Income}}{\text{Total Assets}} \times 100
उद्देश्य: ROA यह दर्शाता है कि कंपनी अपनी कुल संपत्तियों का उपयोग करके कितना लाभ कमा रही है। उच्च ROA यह संकेत देता है कि कंपनी अपनी संपत्तियों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रही है।
मुख्य अंतर:
ROE कंपनी के इक्विटी (शेयरधारकों की पूंजी) के आधार पर लाभप्रदता मापता है, जबकि ROA कंपनी की सभी संपत्तियों (assets) के आधार पर।
ROE उन कंपनियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है जो शेयरधारकों के लाभ पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जबकि ROA उन कंपनियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है जो अपने सभी संसाधनों का उपयोग करके लाभ कमाने की क्षमता दिखाना चाहती हैं।
इन दोनों राशियों का उपयोग निवेशक कंपनी की लाभप्रदता और कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने के लिए करते हैं।
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