SEBI और उसके कार्य
SEBI (Securities and Exchange Board of India) भारत की प्रमुख नियामक संस्था है, जो देश के शेयर बाजारों और सिक्योरिटीज मार्केट को नियंत्रित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना, बाजार में पारदर्शिता लाना और धोखाधड़ी से बचाव करना है।
SEBI का गठन:
SEBI की स्थापना 1988 में की गई थी, और इसे 1992 में भारत सरकार द्वारा संवैधानिक शक्तियां प्रदान की गईं, जिससे यह एक स्वतंत्र संस्था बन गई।
SEBI का मुख्य काम:
1. निवेशकों की सुरक्षा (Investor Protection): SEBI का सबसे बड़ा काम निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। यह सुनिश्चित करता है कि बाजार में धोखाधड़ी न हो और निवेशकों के साथ किसी तरह की गलत गतिविधि न हो।
2. शेयर बाजार का विनियमन (Regulation of Stock Markets): SEBI शेयर बाजार की गतिविधियों को नियंत्रित करता है, ताकि बाजार में पारदर्शिता बनी रहे और सभी प्रतिभागी समान नियमों का पालन करें।
3. नए स्टॉक इश्यूज को नियंत्रित करना (Regulating IPOs and New Issues): SEBI यह सुनिश्चित करता है कि जब कोई कंपनी आईपीओ (IPO) जारी करती है या नए शेयर बाजार में लाती है, तो वह सही और पारदर्शी तरीके से हो। इसमें IPO के नियम, शर्तें, और दस्तावेजों की जांच शामिल होती है।
4. मार्केट में धोखाधड़ी को रोकना (Preventing Fraudulent Activities): SEBI शेयर बाजार में होने वाले गलत और धोखाधड़ीपूर्ण कार्यों जैसे इनसाइडर ट्रेडिंग, मार्केट मैनिपुलेशन आदि पर नज़र रखता है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है।
5. ब्रोकर और सब-ब्रोकर का नियमन (Regulating Brokers and Sub-brokers): SEBI ब्रोकर, सब-ब्रोकर और अन्य इंटरमीडियरीज़ को लाइसेंस प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे सभी कानूनों का पालन कर रहे हों।
6. शेयर बाजार में पारदर्शिता (Ensuring Transparency in the Market): SEBI की कोशिश होती है कि निवेशकों को सही और स्पष्ट जानकारी मिले, जिससे वे सही निर्णय ले सकें। यह सुनिश्चित करता है कि कंपनियां और अन्य इकाइयां सभी वित्तीय जानकारी सार्वजनिक करें।
7. सिक्योरिटी मार्केट के लिए नियम और दिशा-निर्देश (Regulating the Securities Market): SEBI बाजार में नई प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) की लिस्टिंग और व्यापार के लिए नियम और दिशा-निर्देश तैयार करता है।
SEBI के कार्यों का सार:
शेयर बाजार की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना।
निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाना।
कंपनियों, ब्रोकरों और अन्य वित्तीय संस्थानों को नियमों का पालन करवाना।
शेयर बाजार में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
कुल मिलाकर, SEBI भारतीय शेयर बाजार को नियंत्रित और व्यवस्थित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ताकि यह सभी निवेशकों के लिए सुरक्षित और पारदर्शी हो।
Comments
Post a Comment