RSI (Relative Strength Index) एक लोकप्रिय तकनीकी संकेतक है। कैसे काम करता है।

RSI (Relative Strength Index) एक लोकप्रिय तकनीकी संकेतक है जो यह बताता है कि किसी स्टॉक या अन्य वित्तीय साधन की कीमत अधिक खरीदी (overbought) या अधिक बेची (oversold) स्थिति में है या नहीं। RSI एक 0 से 100 के पैमाने पर काम करता है और इसे निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:

RSI की गणना:

RSI को पिछले n दिनों के औसत लाभ (average gain) और औसत नुकसान (average loss) का अनुपात लेकर गणना की जाती है। आमतौर पर, 14-दिन की अवधि का उपयोग किया जाता है।

RSI = 100 - [100 / (1 + RS)]
जहाँ RS (Relative Strength) = औसत लाभ / औसत नुकसान

RSI की व्याख्या:

70 से ऊपर: यदि RSI 70 या उससे अधिक है, तो स्टॉक या वित्तीय साधन को ओवरबॉट (overbought) माना जाता है, यानी इसकी कीमत शायद बहुत तेजी से बढ़ी है, और यह नीचे आ सकती है। यह sell का संकेत हो सकता है।

30 से नीचे: यदि RSI 30 या उससे नीचे है, तो स्टॉक को ओवर्सोल्ड (oversold) माना जाता है, यानी इसकी कीमत शायद बहुत गिर चुकी है और यह ऊपर जा सकती है। यह buy का संकेत हो सकता है।

50 के आसपास: यदि RSI 50 के आसपास है, तो इसका मतलब स्टॉक में कोई स्पष्ट दिशा नहीं है और यह तटस्थ स्थिति में है।


RSI का उपयोग:

1. Overbought/Oversold Signals: जब RSI 70 से ऊपर या 30 से नीचे जाता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि स्टॉक रिवर्सल या ट्रेंड में बदलाव कर सकता है।


2. Divergence: अगर RSI और स्टॉक की कीमतें विपरीत दिशाओं में चल रही हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि ट्रेंड बदलने वाला है। जैसे, अगर स्टॉक की कीमत ऊपर जा रही हो लेकिन RSI नीचे जा रहा हो, तो यह कमजोर ट्रेंड का संकेत हो सकता है।



RSI एक आसान और प्रभावी तरीका है ट्रेडिंग के लिए, खासकर शॉर्ट-टर्म और स्विंग ट्रेडिंग में।


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